Monday, September 25, 2017

डरना छोड़कर बातचीत का रास्‍ता अपनाएं और अपना इलाज कराएं

प्रसांत चंद ने मरवाही, छत्तीसगढ़ से समस्‍या भेजी है कि-

मेरे दोस्त की शादी को 6 माह होने वाले है। शादी से पहले उसकी संबंध स्थापित करने की छमता समाप्त हो गई है (पिता न बन पाना) और उसे लगा की वह ठीक हो जायेगा इस डर व् झिझक के कारण उसने यह बात किसीको नहीं बताई और उसने शादी कर ली। किन्तु वह ठीक न हो पाया। उसने शादी के बाद लड़की को सब बता दिया और उसके और लड़की के बीच एक बार भी किसी भी प्रकार का शारीरिक सबंध नहीं बना है। कुछ दिनों बाद लड़की ने उसके और लड़के के परिवार को सब बता दिया कि वह पिता नहीं बन सकता। अब दोनों के परिवार वाले लड़के को दबाव बना रहे की वह दवाई खाये झाड़फूंक कराये। लड़की के घर वाले अब यह कहते है कि दवाई खाओ झाड़फूंक कराओ नहीं तो हम धोखाधड़ी और घरेलु हिंसा का केस कर देंगे। वह शासकीय कर्मचारी है जिस कारण उसे अपनी नौकरी को खो देने का डर भी सता रहा है। इन सब दबाव के कारण मेरे दोस्त की शारीरिक और मानसिक स्तिथि ख़राब हो गई है। वह उस लड़की के साथ नहीं रहना चाहता है और उससे तलाक लेना चाहता हैं। वह लड़की भी नहीं रहना चाहती लेकिन परिवार के दबाव के कारण दोनों साथ है उनके बीच कोई भी रिश्ता नहीं है। वह यह चाहता है कि लड़की की शादी कही और हो जाये मेरी वजह से उसकी लाइफ ख़राब न ही यह सोचकर भी तलाक देने चाहता है। उस लड़की और उसके परिवार वालो का बर्ताव और बहुत क्रूर होता जा रहा है।लड़की साथ में रह कर दवाओ के लिए दबाव डालती और लड़ाई भी दिन रात करती है, और एक बार सुबह घर से भागने की कोशिश कर रही थी जिसमे लड़के के द्वारा समझा कर रोक लिया। वह इन सब कारणों से बहुत तंग आ गया है किंतु परिवार के दबाव में कुछ भी नहीं कर पा रहा है। मेरा दोस्त केस होने और नौकरी को खो देने के डर से वह कुछ भी नहीं कर पा रहा है। और वह इन सब कारणों से आत्महत्या करना चाहता है। जिसमे मेरा प्रथम प्रश्न था की ""लड़के को कब तलाक और किस प्रकार से तलाक दे सकता है क्या वह तलाक हेतु आवेदन कर सकता है। अगर लड़की आवेदन करती है तो लड़के पर किस तरह का केस हो सकता है कौन कौन सी धाराएं लग सकती है।"" जिसका जवाब आपने प्रथम बार दिया की ""दोनों के बीच शारीरिक संबंध लड़के की नपुसंकता के कारण स्थापित नहीं हो सके हैं। लड़का और लड़की दोनों संयुक्त आवेदन दे कर विवाह को अकृत घोषित करने की डिक्री पारित करवा सकते हैं। लड़की को नुकसान हुआ है वह बेवजह उस के कौमार्य को खो बैठी है तो उसे कुछ तो हर्जाना देना पड़ेगा जो देना भी चाहिए।"" सर मेरा दूसरा सवाल था कि लड़का तलाक के साथ हर्जाना देने को भी तैयार है व् शादी के समय आये उसका सारा सामान भी देने को तैयार हैं किंतु लड़की तलाक के साथ धोखाधड़ी और घरेलु हिंसा का केस कर दूंगी कह रही है। क्या लड़का एक साल के अंदर तलाक की अर्जी दे सकता है। जिसमे उसका इस केस में बचाव हो सके?? दूसरी बार आपने जवाब दिया कि ""लड़के को स्वयं ही विवाह को अकृत घोषित कराने के लिए अर्जी दे देनी चाहिए। लड़़की फिर भी कोई मुकदमा करती है तो उन में तो प्रतिरक्षा अदालत में ही की जा सकती है।  सर अब मेरा सवाल है कि क्या """ लड़के के द्वारा विवाह को अकृत घोषित कराने की अर्जी देने पर उसका मेडिकल कोर्ट के द्वारा कराया जायेगा या उससे किसी प्रकार का मेडिकल रिपोर्ट अपनी तरफ से आवेदन के साथ जमा करना होगा। क्या इस केस में मेडिकल रिपोर्ट कोर्ट अनिवार्य करता है या नहीं। सर कृपया सही मार्गदर्शन प्रसस्त करें।  

समाधान-  सबसे पहली बात तो आपने बताया कि आपके दोस्‍त नौकरी करते हैं तो जाहिर सी बात है शिक्षित भी होंगे इसके बावजूद यदि वे सेक्‍स करने के लिए खुद को अनफिट पाते हैं तो इसके लिए उन्‍हें सबसे पहले किसी इस विषय के किसी अच्‍छे विशेषज्ञ डॉक्‍टर से मिलना चाहिए था। जो कि एक सामान्‍य बुद्धि वाली बात है और ये भी जरूरी नहीं कि इलाज के बारे में किसी को बताया जाए। ज्‍यादातर मामलों में नपुंसकता (Impotency) का इलाज संभव है परंतु झिझक और शर्म से कुछ होने वाला नहीं। 

आपके मित्र की पत्‍नी और ससुरालवाले जो कुछ कर रहे हैं या कह रहे हैं वह स्‍वाभाविक है,ज्‍यादातर मामलों में लोगों की प्रतिक्रिया इससे भी खराब होती है। यदि वे आप पर दवा खाने का दबाव डाल रहे हैं तो ये दर्शाता है कि वे समस्‍या को अपनी तरफ से बढ़ाना नहीं चाहते बल्कि उसका हल निकालना चाहते हैं फिर दवा खाने या Treatment लेने में क्‍या हर्ज है। जब आपकी ये कमजोरी सबको पता चल चुकी है तो भी ऐसे में झिझक रखने से क्‍या फायदा। खैर आपकी मर्जी। 

लड़की का आपके साथ रहने का अनिच्‍छुक होना और केस करने की धमकी देना भी स्‍वाभाविक ही है। शारीरिक संबंध विवाह के पश्‍चात कितने आवश्‍यक हैं ये शायद आप समझते ही होंगे और जब किसी महिला को पता लगे कि उसका पति उसके साथ यौन संबंध स्‍थापित करने में सक्षम नहीं है तो उसे यही लगेगा न कि उसके साथ धोखा हुआ है और ये बात आप स्‍वयं अपनी पत्‍नी के सामने स्‍वीकार चुके हैं ऐसे में किसी को भी गुस्‍सा आ सकता है और वो लड़ाई झगड़ा करे ये कोई असामान्‍य बात नहीं। यदि आप अपनी नपुंसकता का इलाज कराने को तैयार होते हैं और भविष्य में सेक्‍स करने की क्षमता आपमें आ जाती है तो संभवत: वह आपके साथ रहने को भी सहमत होंगीं और आप दोनों एक सामान्‍य शादीशुदा जिंदगी जी पायेंगे।

आपके पूर्ववर्ती प्रश्‍नों का जवाब दिया जा चुका है अब आपके सवाल का जवाब है कि यदि वह स्‍वयं यह स्‍वीकारोक्ति करता है कि वह नपुंसक यानी Impotent है तो मेडिकल कराये जाने की आवश्‍यकता नहीं होगी। आप स्‍वयं बार तलाक की बात क्‍यों कर रहे हैं जबकि एक बार इस समस्‍या के हल का प्रयास कर लेने की भी कोशिश आपने नहीं की है। साथ ही ये बात भी आपको जान लेनी चाहिए कि आपके स्‍वयं के पास तलाक लेने का कोई आधार नहीं है। यदि पारिवारिक दबाव में आपकी पत्‍नी आपसे तलाक लेने को सहमत नहीं होती है या स्‍वयं तलाक लेने की पहल नहीं करती है तो आप अलग नहीं हो सकते। आपकी नपुंसकता के कारण उसके पास जरूर धारा 12 हिंदू मैरिज एक्‍ट में विवाह को अकृत यानी Null कराने का आधार है। 

आत्‍महत्‍या और नौकरी खोने का डर बेकार है यदि आपकी पत्‍नी आैर ससुराल वालों को वाकई आपसे समस्‍या होती तो वे अब तक मुकदमा कर चुके होते। आप उनसे बात करें और उनकी बात मानें भी, समाधान निकल आयेगा।

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