Sunday, October 8, 2017

कानूनी कदम उठाने में देरी आपके मामले को कमजोर करेगी

राशि सिंह ने उन्‍नाव, यूपी से सवाल पूछा है कि- 

सर् मेरी शादी फरवरी 2015 में हुई थी कुछ दिन तो सब ठीक रहा लेकिन कुछ दिन बाद से मेरे ससुराल वालों का व्यवहार चेंज हो गया मेरे पति नोएडा में जॉब करते है।उनका पहले से किसी और लड़की से संबंद्ध था जो मुझे पता चला जिसका मैन विरोध किया परंतु किसी ने भी मेरा साथ नही दिया ।उल्टामुझे ही गलत ठहराया गया और मुझसे गाली गलौज हर हफ्ते लड़ाई झगड़े करने लगे इन सब ने केवल दहेज के लिये शादी की थी बस मेरा जीवन इन सब ने नरक बना दिया है मैं केवल घर मे कहना बनाने वाली की हैसियत से रहती हूं।जब तब मुझे और मेरे घर वालो को अपशब्द कहते है ।घर पर मैंने ये बात बताई तो घर वाले मुझे ले गए फिर इसी बीच इन सब ने मेरे घर आकर हंगामा किया जिसके कारण मेरे पिता को हार्ट अटैक आ गया उनकी नवंबर 2016 में मृत्यु हो गयी मैं और मेरे घर वाले अवसाद में चले गए । फिर मेरे चाचा लोगो ने बीच मे पड़कर फिर से एक मौका देने की बात कही उनकी बात मॉनकर मैं अप्रैल 2017 को फिर अपने ससुराल आ गयी कुछ दिन ठीक रहा फिर वही सब शुरू हो गया इस बार तो और ज्यादा अत्याचार शुरू हुए उनको लगा बिना बाप की बेटी है अब कंहा जाएगी सहते सहते मैं 31 aug 2017 को अपने घर आ गयी अब मैं क्या करूँ मुझे अलग होना है तालाक लेकर और इनको सज़ा भी हो कृपया सही कानूनी मार्गदर्शन करें ।मेरे सारे जेवर भी उन लोगो के पास ही हैं। 

उत्‍तर:-  इस प्रकार के मामलों में जहां किसी व्‍यक्ति के विवाह के पहले से किसी महिला से संबंध रहे हों वहां उसके परिवार वालों की सोच रहती है कि विवाह के बाद सब ठीक हो जाएगा यदि उन्‍हें इसके बारे में पता है। पर चूंकि अपने ही सिक्‍के को खोटा बताने की गलती कोई नहीं करता इसलिए आपने विरोध किया तो आप पर ही दबाव इसलिए बना कि जैसा भी है चलता रहे और मामला दबा-छुपा रहे। यदि आप पति के साथ नहीं रह रही हैं तो आपके पास इसके बारे में कोई पुख्‍ता जानकारी हासिल करने का जरिया भी नहीं है एक तरह से सुनी-सुनाई बात है इसलिए भी आपको गलत ठहराना आसान है उनके लिए। 


आप कानूनी कदम उठाने के बारे में सोच रही हैं तो आपके लिए विकल्‍प तो हैं पर आपका मामला कुछ इस प्रकार का है कि मामले को अंजाम तक पहुंचाना आसान नहीं है। आप जो आरोप लगाएंगी उसके विरोध में आपके ससुरालीजन भी अपना पक्ष रखेंगे और दोनों बार जब भी आप अपने ससुराल को छोड़कर अपने घर वापस आयी हैं वहां आपने वापसी का कदम खुद ही उठाया है ऐसे में उनके पास सबसे बड़ा बचाव यही है कि आप वहां खुद नहीं रहना चाहतीं और आपके पति भी आपको साथ रखने संबंधी बात अपने बचाव में कह सकते हैं। क्रूरता अपने आप में एक अपराध है और तलाक का आधार भी, ये शारीरिक भी हो सकती है और मानसिक भी पर आपके प्रश्‍न से लगता है कि ये मानसिक क्रूरता का मामला है जिसे साबित करना इतना आसान नहीं है और यदि आप तलाक लेना चाहती हैं पर आपके पति इसके लिए राजी नहीं तो मामला लंबा भी रहेगा और मुश्किल भी। हालांकि आप कार्यवाही को इस तरह से कर सकती हैं कि जिससे प्रतीत हो कि आप उनके साथ रहने को तैयार हैं पर वे लगातार आपसे दुर्व्‍यवहार करके आपको अपने साथ नहीं रहने देना चाह रहे और मायके आने के बाद भी उनका ये व्‍यवहार जारी है। साथ ही आपको भरण-पोषण और घरेलू हिंसा के आवेदन भी लगाने चाहिए न्‍यायालय में। जहां तक जेवर की बात है तो उस पर आपका ही अधिकार है। आप किसी स्‍थानीय वकील से मिलकर कार्यवाही जल्दी से जल्‍दी कीजिए क्‍योंकि देरी होने से न्‍यायालय की नजर में भी आपका मामला कमजोर हो जायेगा। 

image source : lawweb.in

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